हिंदी के अग्रणी कवि रामदरश मिश्र का जन्म 15 अगस्त 1924 को डुमरी (गोरखपुर) गाँव में हुवा था .
दिल्ली विश्व विद्यालय के हिंदी के प्रोफेस्सर पद से सेवा विवृत .
पथ के गीत , बैरंग बेनाम चिट्टियाँ, पाक गयी हैं धूप, कंधे पर सूरज, दिन एक नदी बन गया , जुलूज़ कहाँ जा रहा हैं आदि आपके प्रमुख काव्य संग्रह हैं. पानी के प्रचीर, जल टूटता हुआ, अपने लोग, सूखता हुआ तालाब, बिना दरवाजे के मकान आदि बहु चर्चित उपन्यस हैं. सहचर हैं समय, आस पास आपकी आत्मा कथाएँ हैं . चिड़िया नामक यह कविता केरल के 10 वीं कक्षा की हिंदी टेक्स्ट बुक में संकलित हैं . कवि द्वारा कविता का आलापन करना और कविता की टिपण्णी यहाँ उपलब्ध हैं .
Congratulations !!!!!!!
ReplyDeleteJALEEL
CHEM INFORMATICS
I read the translated version
ReplyDeleteCongratulations, Sunny on this marvellous effort - Premanand, Dept of English, Malabar Christian College, Calicut
Good Work Sir... Congrtz... Hope u can Do d best...
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