ज्ञानेन्द्रपति ( जन्म 1. जनवरी . 1950 में पथरगामा झारखण्ड)
हिंदी के एक विलक्षण कवि व्यक्तित्व हैं .
आँख हाथ बनते हुए, शब्द लिखने केलिए ही यह कागज़ बना हैं,गंगा तट, संशयात्मा , कवि ने कहा, आदि आपकी चर्चित रचनाएं हैं.
संशयात्मा 2006 में साहित्य अक्कादमी से पुरस्कृत हैं. कई बार आप केरल आये थे . आपकी "नदी और साबुन" नमक कविता 10 कक्षा की हिंदी पुस्तक में संकलित हैं.कवि कविता के आलापन करना आप यहाँ देख सकते हैं.
Very nice
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